
PFI क्या है All About PFI Organization |
PFI एक ऐसा मुस्लिम संगठन है जो अल्पसंख्यकों, दलितों और हाशिए पर पड़े समुदायों के अधिकारों के लिए लड़ता है इसका हिंदी, इंग्लिश में Full Form (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) है, इनमें केरल के तीन मुस्लिम संगठन नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट(NDF), कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी (KFFD) और तमिलनाडु का मनिता नीति पसरई 22 नवंबर 2006 एक साथ आए. और PFI को एक गैर-लाभकारी संगठन भी बताया . |
PFI का इतिहास, PFI का सुरुआत |
साल 2006 में दक्षिणी भारत के केरल राज्य में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानि PFI की सुरुआत की गई. तथा इसका जन्म (NDF) नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट के रूप में हुआ. और फिर इसमें अन्य कई मुस्लिम संगठनों जैसे मनीथा नीति पसराय, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी, राष्ट्रीय विकास मोर्चा इत्यादी और अन्य संगठन NDF में मिल गए. जिसके बाद इसे PFI यानी (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) के नाम से जाना जाने लगा. |
PFI की कैंपस और इनकी शाखाएं |
राष्ट्रीय महिला मोर्चा (NWF) और कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI) सहित संगठन की कई और अन्य शाखाएं हैं. संगठनो का यह भी दावा है कि भारत देश के लगभग 23 राज्यों में इसकी शाखाएं अभी भी उपलब्ध हैं. |
PFI संगठन का असल मकसद |
ये सगंठन खुद को नए सामाजिक आंदोलन करता के रूप में खुद को परिभाषित करता है, जो आम लोगों को न्याय, स्वतंत्रता और सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक सशक्त संगठन बताता है. तथा PFI पर अक्सर धर्म के नाम पर दंगे करने के आरोप लगते रहे हैं लेकीन वो इसे नहीं मानते. तथा आप को यह भी बता दे की एक समाचार एजेन्सी से मिली खबर के अनुशार PFI के संस्थापक सदस्यों में से एक अहमद शरीफ ने यह भी कबूल किया था कि उनका मकसद यानि PFI से भारत को इस्लामिक स्टेट बनाना है |
PFI संगठन पर क्यों लगे हैं गंभीर आरोप |
आए दिन जांच एजेंसियो और पुलिस की कार्रवाई PFI संगठन छाई रहती हैं. बिहार के बेगुसराय में गोलीकांड से भी PFI संगठन का नाम आया है. कर्टनाक में भाजपा कार्यकर्ता की हत्या मामले, झारखंड में ‘ग्रूमिंग गैंग’ से भी PFI संगठन को जोड़ा गया. उदयपुर में कन्हैयालाल हत्याकांड में इसके PFI सदस्यों के जुड़े होने के खबर मिले है |
PFI से जन्मा SDPI क्या है? |
साल 2009 में एक राजनीतिक संगठन मुस्लिम, दलितों और अन्य हाशिए पर पड़े समुदायों के राजनीतिक मुद्दों को उठाने के उद्देश्य से कुछ लोग PFI से निकल कर एक नए संगठन बनाया. जिसे सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) नाम दिया गया. SDPI का कहना है कि उसका मकसद मुसलमानों, दलितों, पिछड़े वर्गों और आदिवास लोगो सहित अन्य सभी नागरिकों की उन्नति और समान रूप से देखा जाये तथा उनका भी विकास हो. |
PFI को पैसा कहां से आता है? |
इस स्टिंग ऑपरेशन में संस्थापक सदस्यों में से एक अहमद शरीफ ने ये भी कबूल किया था कि उसे मिडिल ईस्ट देशों से 5 साल में 10 लाख रुपये की फंडिंग हुई है. शरीफ ने यह भी कबूला था कि PFI और सत्य सारणी को 10 लाख रुपये से भी ज्यादा की फंडिंग मिडिल ईस्ट देशों से हुई थी और ये पैसा उसे हवाला के जरिए उनके पास आया था. PFI को दूसरे देशों की खुफिया एजेंसियों से भी फंडिंग मिलती है. हालांकि, उन्होंने उन देशों का नाम नहीं बताया है. |
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पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से सम्बंधित पूछे जानेवाले प्रशन (FAQ) |
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